भ्रष्ट अधिकारियों के आगे नहीं झुकेंगे: आंदोलनरत तहसीलदारों पर पंजाब के सीएम मान

आंदोलनरत तहसीलदारों के खिलाफ सख्त और अभूतपूर्व रुख अपनाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार भ्रष्ट अधिकारियों के सामने नहीं झुकेगी, जो अपने पापों के लिए पुलिस कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। खरड़, बनूड़ और जीरकपुर तहसीलों में पंजीकरण का काम शुरू करवाने के लिए तूफानी दौरा करने वाले मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस की कार्रवाई के मद्देनजर राजस्व अधिकारी सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। उन्होंने कहा कि आप सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाती है, लेकिन विडंबना यह है कि सामूहिक अवकाश पर जाकर ये अधिकारी भ्रष्टाचार का लाइसेंस मांग रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस ब्लैकमेलिंग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इन भ्रष्ट और अहंकारी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दबाव बनाने की रणनीति को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आने वाले दिनों में नए तहसीलदारों और राजस्व अधिकारियों की भर्ती करेगी, जिसका एजेंडा कैबिनेट में लाया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट रूप से कहा कि ये अधिकारी रोजाना आम आदमी को परेशान करते हैं, लेकिन अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सरकार इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सामूहिक अवकाश पर जाने वाले अधिकारियों को एक बात याद रखनी चाहिए कि अवकाश से वापस लौटने के बाद वे कब और कहां ज्वाइन करेंगे, यह जनता तय करेगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसे नखरों से निपटने के लिए प्लान बी के साथ तैयार है और जरूरत पड़ने पर रजिस्ट्री प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए तहसीलदारों की शक्तियां शिक्षकों और प्रोफेसरों को सौंपी जाएंगी।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार आम आदमी के हितों की हर तरह से रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी को भी उनके हितों की अनदेखी करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हड़ताल के कारण लोगों को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए पीसीएस अधिकारियों, कानूगो और वरिष्ठ सहायकों (जिन्होंने नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति के लिए सभी विभागीय परीक्षाएं पास कर ली हैं) को काम को सुचारू रूप से चलाने के लिए सब रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है और उनकी सरकार किसी को भी, चाहे वह कितना भी अमीर क्यों न हो, जनता को असुविधा पैदा करने की इजाजत नहीं देगी। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट रूप से कहा कि तहसीलों में काम बंद नहीं होगा और जमीनों के पंजीकरण का काम बेरोकटोक जारी रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये लोग राज्य सरकार से मोटी तनख्वाह ले रहे हैं, लेकिन वे लोगों को सेवाएं नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, क्योंकि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है और अधिकारी जनता के प्रति जवाबदेह हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अगर ये अधिकारी सामूहिक अवकाश पर जाना चाहते हैं और काम नहीं करना चाहते हैं तो राज्य सरकार के पास बड़ी संख्या में बेरोजगार युवा हैं, जो पहले से ही उनके स्थान पर काम करने के लिए इंतजार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले 10 दिनों तक वे नियमित रूप से राज्य भर की विभिन्न तहसीलों का दौरा करेंगे ताकि काम को सुचारू बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि तहसीलदार अपने भ्रष्ट तरीकों से लोगों की पीढ़ियों को परेशान कर रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह पूरी तरह से अनुचित और अवांछनीय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन अधिकारियों को अपनी मनमानी करते हुए चुपचाप नहीं देख सकती।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न किसान यूनियनों के बीच क्रेडिट वॉर चल रही है, जो समानांतर सरकार चलाकर अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने दोहराया कि सरकार समाज के विभिन्न वर्गों से संबंधित मुद्दों को बातचीत के जरिए हल करने के लिए हमेशा तैयार है। हालांकि, भगवंत सिंह मान ने कहा कि रेल या सड़क जाम के जरिए आम आदमी को होने वाली असुविधा से बचना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से आम लोगों को परेशानी होती है, जिसके कारण वे आंदोलनकारियों के खिलाफ हो जाते हैं, जिससे समाज में कलह पैदा होती है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि दुर्भाग्य से आम आदमी को ऐसे विरोधों के कारण बहुत परेशानी उठानी पड़ती है, जो पूरी तरह से अनुचित और अवांछनीय है।

उन्होंने कहा कि हालांकि विरोध किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन उन्हें यह भी सोचना चाहिए कि इस कार्रवाई से राज्य को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नशे की समस्या को रोकने के लिए एक अचूक रणनीति बनाई है।

उन्होंने कहा कि नशे की सप्लाई लाइन को तोड़ दिया गया है और बड़ी मछलियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नशे के खिलाफ जंग जारी है और इस जघन्य अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

मुख्यमंत्री ने नारंगवाल गांव का उदाहरण देते हुए कहा कि पिछले सप्ताह नशा तस्करों की अवैध संपत्ति को नष्ट किया गया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और इस बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए निर्णायक जंग शुरू की गई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नशे के खिलाफ जंग को जन आंदोलन में बदला जा रहा है ताकि पंजाब को पूरी तरह नशा मुक्त बनाया जा सके।

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