लुधियाना निवासियों को स्वच्छ नहरी पानी उपलब्ध कराने के लिए ₹1550 करोड़ की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट: डॉ. रवजोत सिंह

लुधियाना के निवासियों को स्वच्छ नहरी पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विश्व बैंक, एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) और पंजाब सरकार के संयुक्त सहयोग से शुरू किए गए जल उपचार संयंत्र परियोजना की आज स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने समीक्षा की। उन्होंने नगर भवन में कंपनी के प्रतिनिधियों और विभाग के अधिकारियों के साथ विशेष बैठक की और उन्हें परियोजना की प्रगति में तेजी लाने के निर्देश दिए। डॉ. रवजोत सिंह ने बताया कि 1550 करोड़ रुपये की लागत वाले जल उपचार संयंत्र पर काम शुरू हो चुका है और इस परियोजना को तीन साल में पूरा करने की योजना है। पूरा होने पर लुधियाना के लाखों निवासियों को स्वच्छ नहरी पानी मिलेगा।

उन्होंने बताया कि सरहिंद नहर से पानी को उपचार संयंत्र में लाया जाएगा, शुद्ध किया जाएगा और फिर जल आपूर्ति पाइपलाइनों के माध्यम से घरों में आपूर्ति की जाएगी। मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह परियोजना एक सहयोगात्मक प्रयास है, जिसमें 35% वित्त पोषण विश्व बैंक, 35% एआईआईबी और शेष 30% पंजाब सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है।

उन्होंने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जिम्मेदार कंपनी के अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि जिन सड़कों पर पाइपलाइन बिछाई जा रही है, उन्हें तुरंत साफ किया जाए, ताकि शहरवासियों को किसी तरह की असुविधा न हो। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि काम में तेजी लाई जाए और विभाग को नियमित प्रगति रिपोर्ट सौंपी जाए। बैठक में पंजाब म्यूनिसिपल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी (पीएमआईडीसी) की सीईओ दीप्ति उप्पल, लुधियाना म्यूनिसिपल कमिश्नर आदित्य दचलवाल, जीएम प्रोजेक्ट्स हर सतिंदर पाल सिंह ढिल्लों, चीफ इंजीनियर रविंदर गर्ग, एसई प्रोजेक्ट पारुल गोयल और पीएमआईडीसी कंसल्टेंट सोनिया गुप्ता मौजूद थीं।

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