अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी पर आम आदमी पार्टी पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि पहले की सरकारों में जितने भी पुलिस के बड़े ऑपरेशन हुए उसमें भारी खून खराबा और हिंसा होती थी एवं कई बेगुनाह लोग कार्रवाई के शिकार हो जाते थे। पंजाब के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि इतना बड़ा ऑपरेशन बिना किसी खून खराबा और हिंसा के सफल हुआ है।
रविवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कंग ने पिछली सरकारों के दौरान पुलिस ऑपरेशन में हुई हिंसा के कई उदाहरण पेश किए। उन्होंने 1978 में अमृतसर में हुए पुलिस ऑपरेशन का जिक्र किया जब प्रकाश सिंह बादल पहली बार मुख्यमंत्री बने थे और कहा कि इस ऑपरेशन में कई बेगुनाह नौजवानों की जान चली गई थी। अगर उस समय सरकार अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए काम करती तो उन नौजवानों की जान बच सकती थी।
उन्होंने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा की गई केन्द्रीय पुलिस कार्रवाई का भी जिक्र किया और कहा कि कांग्रेस ने उस समय भारी पैमाने पर पंजाब में हिंसा और खून खराबा को अंजाम दिया। इसी तरह 1986 में नकोदर कांड हुआ था। उसमें भी भारी खून खराबा और हिंसा हुई थी।
2009 में लुधियाना और जालंधर में भी पुलिस कार्रवाई में भारी खून खराबा हुआ और कई बेगुनाह लोग मारे गए। फिर 2012 में बलवंत सिंह राजोआना की फांसी के खिलाफ हुए प्रदर्शन में भी भारी पैमाने पर हिंसा हुई।
लेकिन जब से पंजाब में मान सरकार आई है तब से पंजाब पुलिस की कार्रवाई में एक भी बेगुनाह लोगों को टारगेट नहीं किया गया। चाहे पटियाला में माहौल खराब करने की घटना हो या अजनाला की घटना हो। पंजाब पुलिस ने बिना आम लोगों और बेगुनाहों को नुकसान पहुंचाए बिना इस कार्रवाई को अंजाम दिया। अजनाला की घटना में तो पुलिस के जवानों ने खुद अपने शरीर पर चोट खा ली, लेकिन राज्य का माहौल बिगड़ने नहीं दिया।
कंग ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की तारीफ की और कहा कि उनके तत्परता और संजीदगी के बदौलत इस ऑपरेशन में पिछले डेढ़ महीने के दौरान न तो पंजाब में कोई हिंसा हुई और न ही किसी पर गोली चली। मान सरकार ने कोई भी अप्रिय घटना को नहीं घटने दिया।
आज भी अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी गुरुद्वारा साहिब से हुई है, लेकिन संगत की धार्मिक भावनाओं को आहत किए बिना और आम लोगों को नुकसान पहुंचाए बिन उसकी गिरफ्तारी की गई।