एक राष्ट्र एक चुनाव की अवधारणा भारत में व्यावहारिक तौर पर संभव नहीं : मलविंदर सिंह कंग

आम आदमी पार्टी(आप) ने ‘एक देश एक चुनाव’ के विचार को पूरी तरह से खारिज किया है। बीजेपी सरकार द्वारा वन नेशन वन इलेक्शन के लिए एक समिति के गठन पर आप ने कहा कि भारत में वन नेशन वन इलेक्शन को लागू करना व्यावहारिक तौर पर संभव नहीं है।

चंडीगढ़ पार्टी कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए आप पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि भारत विभिन्न राज्यों( जिसमें रहने वाले विभिन्न धर्मों, जातियों, समुदायों और भाषाओं के लोगों) का एक संघ है। लेकिन भाजपा का विचार एक राष्ट्र एक चुनाव, एक राष्ट्र एक पार्टी, एक राष्ट्र एक धर्म और एक राष्ट्र एक भाषा है जो देश के संविधान और लोकतंत्र के सार के खिलाफ है।

कंग ने कहा कि बीजेपी इंडिया ब्लॉक और उसकी ताकत से डरी हुई है। उन्होंने कहा कि वैचारिक मतभेदों के बावजूद विभिन्न पार्टियाँ एक साझा मंच पर एक साथ आई है। हमें भारत को 140 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करना है और अपने राष्ट्र एउ लोकतंत्र को बचाना है। उन्होंने कहा कि पांच प्रमुख राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के चुनाव नजदीक आ रहे हैं लेकिन बीजेपी अपनी जमीन खोती जा रही है। ध्रुवीकरण और नफरत की राजनीति भी विफल हो रही है जिसके कारण बीजेपी सभी राज्यों में बुरी तरह हार रही है। इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी घबराये हुए हैं और चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।

मलविंदर कंग ने वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन करने के लिए शिरोमणि अकाली दल बादल पर जमकर हमला बोला। कंग ने कहा कि अकाली दल बादल को देश, देश के लोगों, पंजाब और सिख धर्म की परवाह नहीं है, वे केवल अपने राजनीतिक, वित्तीय और व्यक्तिगत हितों से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि अकाली दल राज्यों के अधिकारों और देश के संघीय ढांचे की कीमत पर इस विचार का समर्थन कर रहा है, जिसका मतलब है कि अकाली दल बादल का श्री आनंदपुर साहिब प्रस्ताव के प्रति सम्मान नहीं है।

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