मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को मस्तुआना साहिब में सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के निर्माण कार्य में देरी के लिए शिरोमणि अकाली दल, अकाली दल और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने आवश्यक 25 एकड़ जमीन मिलने के बाद जीएमसी को दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने का भी संकेत दिया। CM मान ने चांगल रोड पर मस्तुआना साहिब कॉलेज के पास जीएमसी की साइट पर आरोप लगाया। CM मान ने चांगल रोड पर मस्तुआना साहिब कॉलेज के पास जीएमसी की साइट पर आरोप लगाया -“मैं इस पर बोलने के लिए मजबूर हूं। मैंने समस्याओं को दूर करने के लिए अपने स्तर पर पूरी कोशिश की। हालांकि, सुखदेव सिंह ढींढसा, शिअद नेता और एसजीपीसी हमें जीएमसी के निर्माण से रोकने के लिए एक साथ आए हैं। एसजीपीसी ने निर्माण के खिलाफ स्टे ले लिया है। अगर ऐसा नहीं होता, तो हम निर्माण का 70 प्रतिशत पूरा कर चुके होते।”
सीएम मान ने यह भी पेशकश की कि अगर वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं तो एसजीपीसी, शिरोमणि अकाली दल और ढींडसा शिलान्यास पर अपना नाम लिखवा सकते हैं।
निवासियों को जीएमसी के भविष्य के बारे में चिंतित नहीं होना चाहिए क्योंकि मैं इसका निर्माण करवाऊंगा। संगरूर के आसपास जीएमसी का निर्माण किया जाएगा क्योंकि मुझे किसी भी ग्राम पंचायत से जमीन मिलेगी। मैं अन्य नेताओं की तरह जमीन हड़पना नहीं चाहता। लेकिन जीएमसी के निर्माण में देरी ने एसजीपीसी, ढींडसा और शिअद नेताओं की हकीकत उजागर कर दी है।
उन्होंने कहा कि जीएमसी कुल मिलाकर 460 करोड़ रुपये की परियोजना है और इसका निर्माण 25 एकड़ में किया जाएगा और यह पहले वर्ष में एमबीबीएस की 330 सीटों के साथ शुरू होगी और बाद में यह संख्या 130 तक बढ़ जाएगी।
23 मई 2022 को भूमि का निबंधन चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशक के नाम पर किया गया था और सरकार ने 1 जुलाई 2022 को डॉ. विशाल चोपड़ा को प्रस्तावित जीएमसी का निदेशक-सह-प्राचार्य भी नियुक्त किया था।