सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दे दी। कोर्ट ने न तो मीडिया से बात करने और न ही बिना इजाजत दिल्ली से बाहर जाने समेत कई शर्तें लगाईं।
न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने जैन को 11 जुलाई तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी और मामले में गवाहों को प्रभावित नहीं करने का निर्देश दिया।
SC ने निर्देश दिया कि इलाज के सभी संबंधित कागजात इस अदालत के समक्ष पेश किए जाएं। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह आदेश 11 जुलाई तक लागू रहेगा और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 10 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया।
शीर्ष अदालत ने जैन को अपने चिकित्सा उपचार के लिए अपनी पसंद का कोई भी अस्पताल चुनने का भी अधिकार दिया। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि अंतरिम जमानत चिकित्सा शर्तों पर मानी जाती है।
जैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने कहा कि वे स्वास्थ्य कारणों से जमानत मांग रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश हुए एएसजी एसवी राजू ने एम्स या राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा जैन की जांच कराने की मांग की। उन्होंने SC को यह भी बताया कि वह स्वास्थ्य मंत्री हैं और सरकारी अस्पताल उनके अधीन हैं।