मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों के अनुसार बहुमूल्य मानव जीवन और संपत्ति को बचाने के लिए, राज्य सरकार की मशीनरी राज्य में बाढ़ से उत्पन्न स्थिति को कम करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है।
राहत कार्यों में तेजी लाने और सीएम भगवंत मान के निर्देशानुसार 27286 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। पटियाला में 14296, रूपनगर में 2200, मोगा में 250, लुधियाना में 300, एसएएस नगर में 1400, एसबीएस नगर में 200, फतेहगढ़ साहिब में 600, तरनतारन में 241, जालंधर में 670, कपूरथला में 380, फिरोजपुर में 5400, संगरूर में 263, फाजिल्का में 17 और मानसा जिले में 1069 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि 26 जुलाई सुबह 8 बजे तक 1472 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. राज्य में कुल 159 राहत शिविर चल रहे हैं जिनमें 1478 लोग रह रहे हैं।
वर्तमान में तरनतारन, फिरोजपुर, फतेहगढ़ साहिब, फरीदकोट, होशियारपुर, रूपनगर, कपूरथला, पटियाला, मोगा, लुधियाना, एसएएस नगर, जालंधर, संगरूर, एसबीएस नगर, फाजिल्का, गुरदासपुर, मनसा, पठानकोट और बठिंडा सहित 19 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं।
विभिन्न जिलों से राजस्व विभाग को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में बाढ़ के कारण कुल 42 लोगों की जान चली गई है, जिसमें रूपनगर में 3, फतेहगढ़ साहिब, होशियारपुर और एसबीएस नगर में 2-2, एसएएस नगर में 8, फरदीकोट और जालंधर में 3-3, पटियाला में 10, संगरूर में 4, फिरोजपुर, मोगा, फाजिल्का, बठिंडा और लुधियाना में 1-1 लोग शामिल हैं। इसी तरह बाढ़ के कारण 19 लोग घायल हो गये हैं।
विभिन्न जिलों से प्राप्त सूचना के अनुसार बाढ़ के कारण 377 घर पूर्ण/विभिन्न रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं जबकि 770 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
पशुपालन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 25 जुलाई को राज्य में कुल 1450 पशुओं का इलाज किया गया जबकि टीकाकृत पशुओं की संख्या 1210 है।
वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में पूरी सजगता से काम कर रही हैं. प्रवक्ता के अनुसार, 425 रैपिड रिस्पांस टीमें (आरआरटी) बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित इलाकों में 194 मेडिकल कैंप लगाए हैं।
उन्होंने आगे बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लगातार सूखा भोजन पैकेट का वितरण किया जा रहा है।