मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने राज्य में श्रमिकों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। श्रम मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने कहा कि पंजाब श्रम कल्याण बोर्ड की वजीफा योजना के तहत मजदूरों के बच्चों की शिक्षा के लिए 2,000 रुपये से लेकर 70,000 रुपये तक का लाभ उठाया जा सकता है। इसके साथ ही वजीफा योजना का लाभ उठाने के लिए श्रमिक की दो साल की सेवा की शर्त को समाप्त कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब श्रम कल्याण बोर्ड वजीफा योजना श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए दी जाती है। इससे पहले, श्रम मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद की पहल के बाद वजीफा योजना के लिए श्रमिकों की दो साल की अनिवार्य सेवा शर्त को आधिकारिक तौर पर समाप्त कर दिया गया है। श्रम मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने कहा कि अब श्रमिक दो साल की सेवा का इंतजार करने के बजाय फंड में अपने योगदान की तारीख से वजीफा लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि वजीफा योजना का पंजाब के श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा में अहम योगदान है।
उन्होंने कहा कि वजीफा योजना का लाभ पहली कक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक प्राप्त किया जा सकता है। पंजाब श्रम कल्याण बोर्ड वजीफा योजना के तहत पहली से पांचवीं कक्षा तक की छात्राओं को 3000 रुपये तथा लड़कों को 2000 रुपये प्रति वर्ष दिए जाते हैं। इसी प्रकार छठी से आठवीं कक्षा तक लड़कियों को 5000 रुपये तथा लड़कों को 7000 रुपये प्रति वर्ष दिए जाते हैं। 9वीं व 10वीं कक्षा के लड़कों को 13,000 रुपये तथा लड़कियों को 10,000 रुपये वजीफा मिलता है। 10+1 तथा 10+2 की छात्राओं को 20,000 रुपये तथा लड़कों को 25,000 रुपये प्रति वर्ष वजीफा दिया जाता है। कॉलेज के विद्यार्थियों (स्नातक, परास्नातक, आईटीआई, पॉलिटेक्निक, एएनएम, जीएनएम और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रम) के लिए लड़कियों को 25,000 रुपये (छात्रावास में रहने पर 40,000 रुपये) और लड़कों को 30,000 रुपये (छात्रावास में रहने पर 45,000 रुपये) प्रति वर्ष वजीफा दिया जाता है। इसी प्रकार मेडिकल, इंजीनियरिंग और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए लड़कियों को 40,000 रुपये (छात्रावास में रहने पर 60,000 रुपये) और लड़कों को 50,000 रुपये (छात्रावास में रहने पर 70,000 रुपये) प्रति वर्ष वजीफा दिया जाता है।