मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशानुसार राज्य सरकार की मशीनरी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चौबीसों घंटे काम कर रही है। पशुपालन विभाग द्वारा 10 जुलाई से 27 जुलाई तक राज्य में कुल 29,380 पशुओं का उपचार किया गया तथा 1,15,361 पशुओं का टीकाकरण किया गया।
वहीं, स्वास्थ्य विभाग की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में पूरी सजगता से काम कर रही हैं। प्रवक्ता के अनुसार अब तक कुल ओपीडी 1,14,580 है।
राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, राज्य में अब तक कुल 1475 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. अब तक 27286 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में कुल 159 राहत शिविर चल रहे हैं, जिनमें 1277 लोग रह रहे हैं।
उन्होंने आगे बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को सूखे भोजन के पैकेट भी बांटे जा रहे हैं।
तरनतारन, फिरोजपुर, फतेहगढ़ साहिब, फरीदकोट, होशियारपुर, रूपनगर, कपूरथला, पटियाला, मोगा, लुधियाना, एसएएस नगर, जालंधर, संगरूर, एसबीएस। नगर, फाजिल्का, गुरदासपुर, मनसा, पठानकोट और बठिंडा सहित कुल 19 जिले बाढ़ से प्रभावित/पीड़ित हैं।
विभिन्न जिलों से राजस्व विभाग को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में बाढ़ के कारण अब तक कुल 44 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 22 लोग घायल हुए हैं।