पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामले विभाग, इन्वेस्ट पंजाब और पंजाब इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा आयोजित ‘इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव’ के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार मुगल, सिख और ब्रिटिश काल से संबंधित इमारतों को समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का हिस्सा बनाकर राज्य को पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
अपने संबोधन में उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री पंजाब को विश्व पर्यटन मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करने के लिए बहुत उत्सुक हैं और इस मामले में व्यक्तिगत रुचि ले रहे हैं। इससे पहले कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामले मंत्री अनमोल गगन मान ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन क्षेत्र की संपत्तियों और परिसंपत्तियों के संरक्षण और विकास के लिए हमेशा तैयार है।
मंत्री ने निवेशकों से पर्यटन क्षेत्र में पंजाब के विकास में भागीदार बनने का आह्वान किया और आगे कहा कि राज्य सरकार इको-टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, वाटर टूरिज्म और वेलनेस टूरिज्म पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है क्योंकि इन क्षेत्रों में पंजाब को पर्यटन क्षेत्र में एक पावरहाउस बनाने की क्षमता है। मंत्री ने निवेशकों को राज्य सरकार के साथ सहयोग में पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया क्योंकि इन्वेस्ट पंजाब एक ऐसा मंच है जहां राज्य में उद्यम स्थापित करने के लिए सभी आवश्यक मंजूरी एक ही छत के नीचे प्रदान की जाती है। रणजीत सागर झील को राज्य सरकार की प्रमुख परियोजना बताते हुए पर्यटन मंत्री ने कहा कि यह पहल राज्य के पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। पिछले साल आयोजित सफल पर्यटन शिखर सम्मेलन को पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के ईमानदार और समर्पित दृष्टिकोण का प्रमाण बताते हुए मंत्री ने खुलासा किया कि राज्य सरकार द्वारा निवेशक और उद्योग अनुकूल नीतियां लागू की गई हैं। इस अवसर पर एक प्रस्तुति भी दिखाई गई जिसमें संभावित निवेशकों की सहायता से कपूरथला में दरबार हॉल और गोल कोठी, संगरूर कोठी, आम खास बाग, सरहिंद, रूपनगर में पिंककैसिया टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स, कुलारा द्वीप (पठानकोट) जैसी कई विरासत संपत्तियों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया।