पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में शनिवार को कर विभाग की टीमों ने राजपुरा-सरहिंद, जी.टी. सड़क। इस विशेष अभियान के दौरान आयरन स्क्रैप, मिश्रित सामान, फर्नीचर, पार्सल, ब्लैक ऐश, स्टील पाइप, चावल, ईंट आदि ले जाने वाले लगभग 150 वाहनों की जांच की गई।
इनमें से, 38 वाहनों को सत्यापन के लिए रोका गया था क्योंकि उनमें से अधिकांश या तो वास्तविक दस्तावेजों/ई-वे बिलों द्वारा समर्थित नहीं थे या डेटा माइनिंग करते समय कपटपूर्ण आवक आपूर्ति की गई थी। एक अस्थायी जुर्माना और रुपये का जुर्माना। हिरासत में लिए गए वाहनों पर 60 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा।
आबकारी एवं कराधान मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने यहां जारी एक बयान में इसका खुलासा करते हुए कहा कि विभिन्न स्रोतों से बार-बार जानकारी मिल रही थी कि कुछ ट्रकों और अन्य वाहनों द्वारा परिवहन किए जा रहे सामानों पर जीएसटी की चोरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए उन्होंने कर विभाग की एक टीम के साथ राजपुरा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की जांच की।
चीमा ने कहा कि ऐसे सभी कर अपवंचकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी गई है जबकि सही बिल वाले माल परिवहन करने वाले वाहनों को बिना किसी परेशानी के गुजरने दिया गया। उन्होंने कहा कि यह अभियान मुख्य रूप से कर चोरी करने वालों को रोकने और मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के वास्तविक करदाताओं को यह संदेश देने के लिए है कि उन्हें किसी भी तरह से परेशान नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कराधान विभाग ने ईमानदार करदाताओं की सहायता के लिए एक द्विभाषी व्हाट्सएप चैटबॉट-सह-हेल्पलाइन नंबर 9160500033 भी प्रदान किया है।
चीमा ने कहा कि राज्य में कर चोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि डाटा माइनिंग विंग जीएसटीएन और ईटीटीएसए द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों में पाई गई अनियमितताओं और विसंगतियों के आधार पर रिपोर्ट तैयार करता है और इन रिपोर्टों को आवश्यक कार्रवाई के लिए विभाग के संबंधित विंगों के साथ साझा किया जा रहा है और उनसे अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कराधान विभाग ने जीएसटीएन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध डिजिटल डेटा के बेहतर विश्लेषण के लिए राज्य जीएसटी आयुक्तालय में एक नई कर खुफिया इकाई (टीआईयू) भी स्थापित की है।