पंजाब में आप सरकार ने 27 सितंबर को फिर से राज्य विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला किया है और राजभवन के कदम को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।
संसदीय कार्य मंत्री डॉ इंदरबीर सिंह निज्जर ने पहले बताया था कि सत्र अब 27 सितंबर को होगा।
राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने बुधवार को विश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार की योजना को विफल कर दिया था।
राज्यपाल ने गुरुवार को विशेष सत्र बुलाने के पहले के एक आदेश को वापस लेते हुए कहा कि कांग्रेस और भाजपा के राजभवन से संपर्क करने के बाद यह कहते हुए कानूनी राय मांगी गई थी कि सदन के नियमों ने इसकी अनुमति नहीं दी।
ਲੋਕਤੰਤਰ ‘ਚ ਲੋਕ ਵੱਡੇ ਹੁੰਦੇ ਨੇ…ਲੋਕਾਂ ਵੱਲੋਂ ਚੁਣੀ ਹੋਈ ਸਰਕਾਰ ਨੂੰ ਕੰਮ ਨਾ ਕਰਨ ਦੇਣਾ…ਲੋਕਤੰਤਰ ਦਾ ਕਤਲ ਹੈ…ਅੱਜ ਕੈਬਨਿਟ ਮੀਟਿੰਗ ਵਿੱਚ 27 ਸਤੰਬਰ ਨੂੰ ਸੈਸ਼ਨ ਸੱਦਣ ਦਾ ਫੈਸਲਾ ਲਿਆ…ਦਰਿਆਵਾਂ ਨੂੰ ਨੱਕੇ ਨਹੀਂ ਲੱਗ ਸਕਦੇ…ਇਨਕਲਾਬ ਜ਼ਿੰਦਾਬਾਦ..! https://t.co/Uq1vhNcmS7
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) September 22, 2022
चूंकि राज्यपाल द्वारा केवल विश्वास प्रस्ताव लाने के लिए सत्र आयोजित करने पर आपत्ति जताई गई थी, इसलिए सीएम भगवंत मान का कहना है कि 27 सितंबर को बुलाए जा रहे सत्र में बिजली की स्थिति और पराली जलाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा होगी।
सीएम मान ने ट्वीट किया: “लोकतंत्र में लोग बड़े होते हैं … लोगों द्वारा चुनी गई सरकार को काम नहीं करने देते … ये लोकतंत्र की हत्या है … आज की कैबिनेट बैठक में 27 सितंबर को एक सत्र बुलाने का निर्णय लिया गया … नदियों क्षतिग्रस्त नहीं किया जा सकता…इंकलाब ज़िंदाबाद..!”