शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) ने चंडीगढ़ में अपनी विधानसभा के लिए अलग से जमीन आवंटित करने की हरियाणा सरकार की मांग का कड़ा विरोध किया है।
इस मुद्दे को लेकर शिअद (संयकुट) ने 26 नवंबर को पार्टी नेताओं की एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. बैठक की अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री एस. सुखदेव सिंह ढींडसा करेंगे।
हरियाणा की इस अनुचित मांग के खिलाफ पार्टी प्रस्ताव ला सकती है और पार्टी इस मुद्दे पर आगे की रणनीति भी बनाएगी।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री एस. परमिंदर सिंह ढींडसा ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए अधिक जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा को किसी भी कीमत पर चंडीगढ़ की जमीन पर अलग विधानसभा परिसर बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पर पंजाब का पूरा अधिकार है, जिसे पंजाब के गांवों को आबादी के आधार पर बसाया गया था और केंद्र की कांग्रेस सरकारों ने चंडीगढ़ को पंजाब को दो बार देने के अपने वादे से मुकर गया है।
केंद्र में 70 साल शासन करने वाली कांग्रेस सरकार ने औपचारिक पत्र जारी कर घोषणा की थी कि समय आने पर हरियाणा की राजधानी होगी और चंडीगढ़ को पंजाब की राजधानी बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा न करके कांग्रेस सरकार ने पंजाब को धोखा दिया है।