प्राकृतिक आपदा और आपातकालीन उपायों के लिए स्कूलों को 4 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की गई: मंत्री हरजोत बैंस

पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल स्टाफ और विद्यार्थियों में आपातकालीन या प्राकृतिक आपदा से संबंधित घटनाओं के दौरान कैसे प्रतिक्रिया करनी है, इस बारे में जागरूकता पैदा करने के अलावा बिजली या आग जैसी किसी भी आपात स्थिति से बचने के लिए प्रबंध करने के लिए 4 करोड़ रुपये से अधिक का फंड आवंटित किया है।

यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस फंड का इस्तेमाल आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जैसे पुलिस-112, फायर-101, एम्बुलेंस-108, महिला हेल्पलाइन-1091, ट्रैफिक हेल्पलाइन-1073 और चाइल्ड हेल्पलाइन-1098 आदि प्रदर्शित करने वाले डिस्प्ले बोर्ड लगाने के लिए करें।

मंत्री ने आगे कहा कि स्कूल प्रमुखों को स्कूल में आग लगने या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में स्कूल स्टाफ और विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निकासी योजना तैयार करने और जहां भी जरूरत हो वहां आपातकालीन पैनिक अलार्म लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल स्टाफ को स्कूल की इमारतों की नियमित जांच करने के लिए कहा गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बिजली के उपकरण और तार ठीक हैं।

किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए विशेषज्ञों को आमंत्रित करते हुए स्कूलों में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रमुख यह सुनिश्चित करेंगे कि व्यय सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) पोर्टल के ईएटी मॉड्यूल के माध्यम से किया जाना चाहिए और फंड की ऑनलाइन निगरानी की सुविधा के लिए इसे समय पर प्रबंध पोर्टल पर अपडेट किया जाना चाहिए। स्कूलों में सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग अपने स्कूलों में अत्याधुनिक शैक्षणिक सुविधाएं प्रदान करने के अलावा अपने विद्यार्थियों और स्टाफ के लिए पर्याप्त और सुरक्षित सुविधाएं सुनिश्चित करने के मिशन पर काम कर रहा है।

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