दिल्ली पर केंद्र के अध्यादेश के विरोध में अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी दिया केजरीवाल का साथ, अध्यादेश को बताया लोकतंत्र विरोधी

दिल्ली सरकार के अधिकारों पर केंद्र के विवादित अध्यादेश के विरोध में अब समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी उतर आए हैं। बुधवार को लखनऊ में ‘आप’ प्रमुख अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने केन्द्र के अध्यादेश के खिलाफ संसद में आम आदमी पार्टी का साथ देने की घोषणा की और कहा कि समाजवादी पार्टी पूरी तरह से इस बिल के खिलाफ है। हमारे सभी सांसद संसद में इस बिल के खिलाफ वोट करेंगे।

अखिलेश यादव ने इस बिल को लोकतंत्र विरोधी बताया और कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार के अच्छे कार्य भाजपा से पच नहीं पा रहा है। इसीलिए तानाशाही तरीके से दिल्ली सरकार के अधिकारों को छीनने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा को यह डर सता रहा है कि अगर केजरीवाल सरकार का काम ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में जीरो हो जाएगी।

बुधवार को ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह एवं दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मलने लखनऊ पहुंचे थे।

इस मौके पर लखनऊ में पत्रकारों को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव का शुक्रिया अदा किया और कहा कि फरवरी 2015 में दिल्ली में हमारी सरकार बनी। सरकार बनने के मात्र तीन महीने के भीतर ही मोदी सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर दिल्ली सरकार के अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार हमसे छीन लिया।

फिर हमने दिल्ली के लोगों के साथ मिलकर इस फैसले के खिलाफ आठ साल की लंबी लड़ाई लड़ी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने दिल्ली के हक में फैसला सुनाया और स्पष्ट रूप से कहा कि अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी से यह बात हजम नहीं हुई, इसलिए उन्होंने तानाशाही तरीके से सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एक अध्यादेश लाकर अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार हमसे फिर से छीन लिया।

केजरीवाल ने सभी विपक्षी दलों से इस अध्यादेश के खिलाफ वोटिंग करने की अपील की और कहा कि अगर राज्यसभा में सभी विरोधी पार्टियां एक हो जाती है तो यह बिल पास नहीं हो सकेगा। अगर यह बिल राज्यसभा में रुक जाता है तो पूरे देश में स्पष्ट संदेश जाएगा कि भाजपा की सरकार 2024 में नहीं आएगी।

मोदी सरकार गवर्नर के जरिए लगातार गैर-भाजपा शासित राज्यों को परेशान कर रही है – भगवंत मान

मीडिया को संबोधित करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पिछले कुछ सालों से लगातार राज्यपाल के माध्यम से गैर-भाजपा शासित राज्यों को परेशान करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर किसी राज्य के राज्यपाल एक हफ्ते तक राज्य सरकार को परेशान न करें तो उन्हें दिल्ली से फोन आने लगता है।

उन्होंने कहा कि पंजाब में भी राज्यपाल हमें हर मौके पर परेशान करने की कोशिश करते हैं। इस बार राज्यपाल ने पंजाब सरकार का बजट सेशन बुलाने से इंकार कर दिया था, फिर हमें इसके लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा। इसके अलावा केंद्र सरकार हमारा काम रोकने के लिए बहुत सारे फंड रोक रखे हैं। केंद्र सरकार पंजाब का जीएसटी का पैसा वापस नहीं कर रही है। हमें आरडीएफ का पैसा नहीं दे रही है।

मुख्यमंत्री मान ने कहा कि आज भाजपा जिन राज्यों में चुनाव हार जाती है, वहां उपचुनाव करवाकर जीत जाती है। चुनाव हारने के बाद वह भारी संख्या में विधायकों की खरीद-फरोख्त कर अपनी सरकार बनाती है फिर उन विधायकों की सीट पर उपचुनाव कर करवाकर जीतती है।

मान ने कहा कि दिल्ली देश का दिल है। इसलिए दिल्ली सरकार के अधिकारों पर हमला करना देश से 140 करोड लोगों के अधिकारों पर हमला करना है।

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