मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने नशा तस्करों को पंजाब छोड़ने की चेतावनी दी

पंजाब सरकार के मिशन “नशे के खिलाफ जंग” के तहत ग्रामीण विकास एवं पंचायत, उद्योग एवं वाणिज्य, निवेश प्रोत्साहन, श्रम, पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने आज फतेहगढ़ साहिब जिले के सिविल एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के साथ बचत भवन में विशेष बैठक की। बैठक को संबोधित करते हुए मंत्री सोंद ने कहा कि पंजाब में नशा तस्करों के लिए कोई जगह नहीं है, जो युवाओं को बर्बाद कर रहे हैं।

उन्होंने अधिकारियों को शहीदों की धरती फतेहगढ़ साहिब से नशे के खात्मे के लिए मास्टर प्लान बनाने तथा युवाओं को नशे के हानिकारक प्रभावों के बारे में शिक्षित करने के लिए स्कूलों एवं कॉलेजों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां इसकी चपेट में न आएं। उन्होंने अधिकारियों को जिला स्तरीय नशा मुक्ति हेल्पलाइन नंबर शुरू करने के भी निर्देश दिए। बैठक से पहले कैबिनेट मंत्री सोंद ने गुरुद्वारा साहिब में माथा टेका तथा नशे के खिलाफ जंग की सफलता के लिए प्रार्थना की।

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए सोंड ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने पिछले तीन सालों में 6500 से अधिक बड़े और 45000 से अधिक छोटे नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है और 2022 से एनडीपीएस एक्ट के तहत 30000 से अधिक मामले दर्ज किए हैं। पुलिस अधिकारियों और नशा तस्करों के बीच सांठगांठ को तोड़ने के लिए 10000 से अधिक पुलिसकर्मियों का तबादला किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मौजूदा सरकार ने नशा तस्करों की 612 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है, जबकि पिछली सरकारों ने सिर्फ 142 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। इसके अलावा अब तक 1128 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई है, जबकि पिछली सरकार ने सिर्फ 197 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी।

मंत्री सोंड ने पिछली सरकारों पर नशीले पदार्थों को फैलने देने और यहां तक ​​कि उनके वितरण में मदद करने के लिए आलोचना की। उन्होंने आश्वासन दिया कि पाकिस्तान से होने वाली नशा तस्करी पर लगाम लगाने के लिए पंजाब सरकार इस नेटवर्क को खत्म करने के लिए बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेगी। उन्होंने जिला अधिकारियों से नशा उन्मूलन को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी मानने का आग्रह किया और उन्हें सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने उन्हें नशे के खिलाफ लड़ाई में निडर होकर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा, उन्होंने निर्देश दिया कि इस मिशन में ग्राम पंचायतों को शामिल किया जाना चाहिए और लोगों में जागरूकता फैलाई जानी चाहिए कि वे बिना किसी डर के नशा तस्करों की सूचना दें और अपनी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखें।

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