पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों के बाद, कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा और अमन अरोड़ा ने शनिवार को मूनक के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और संगरूर जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों का जायजा लिया। इस मौके पर उनके साथ विधायक बरिंदर गोयल भी थे।
कैबिनेट मंत्रियों ने लॉर्ड शिव स्कूल, हमीरगढ़ का दौरा किया, जहां जिला प्रशासन ने निकासी और समन्वय केंद्र स्थापित किया है। इसके बाद वे सेना की नाव से नवागांव और होतीपुर के बाढ़ प्रभावित डेरों/ढाणियों में गए।
पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद स्थिति और बाढ़ प्रभावित इलाकों में चलाए जा रहे राहत कार्यों पर लगातार नजर रख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों, सेना और एनडीआरएफ कर्मियों के साथ नावों के माध्यम से उन लोगों से संपर्क किया, जो बाढ़ के कारण अपने गांवों से कट गए हैं और स्थिति की समीक्षा की, साथ ही उन्हें राहत सामग्री भी प्रदान की।
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों ने पंजाब सरकार द्वारा चलाये जा रहे राहत कार्यों पर संतोष व्यक्त किया है।
चीमा ने कहा कि जिला प्रशासन ने खेतों, शिविरों और गांवों तक नावों के माध्यम से मदद पहुंचाने के लिए जोन बनाए हैं और चिकित्सा सहित हर सहायता प्रदान कर रहा है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा राहत कार्यों के लिए धनराशि जारी कर दी गई है और राज्य के प्रत्येक प्रभावित नागरिक तक राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है, जिसके बाद प्रभावित लोगों के पुनर्वास की कार्रवाई की जायेगी और जल्द ही जनजीवन सामान्य हो जायेगा.
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार एक ऐसी व्यापक योजना तैयार करेगी जो हर साल बरसात के मौसम में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं का उचित समाधान प्रदान कर सके।
उन्होंने कहा कि पहले दिन से ही इस आपदा से निपटने के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सभी मंत्री, विधायक, प्रशासन, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ के जवान दिन-रात काम कर रहे हैं.आर.अरोड़ा ने कहा कि पहले से ही प्रयास किये गये थे पंजाब सरकार द्वारा किसी भी संभावित बाढ़ से निपटने के लिए नालों की सफाई सुनिश्चित की गई थी, लेकिन इस बार घग्गर में पानी का स्तर बढ़कर 752 फीट के स्तर पर पहुंच गया, जबकि पहले इसमें 748 फीट के स्तर पर दरार आ जाती थी।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार बाढ़ प्रभावित हिस्सों में राहत एवं बचाव कार्यों और पुनर्वास कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने आगे कहा कि अगर पिछली सरकारों ने योजनाबद्ध तरीके से ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के प्रयास किए होते तो ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती।
इससे पहले कैबिनेट मंत्रियों ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और हमीरगढ़ में बनाए गए राहत केंद्र का जायजा लेते हुए दिशा-निर्देश जारी किए।