सिख धर्म की सर्वोच्च पीठ अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह जत्थेदार ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पैरोल पर कड़ी आपत्ति जताई है।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने हत्या और बलात्कार जैसे संगीन आरोपों के तहत जेल में सजा काट रहे डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर 30 दिन की पैरोल मिलने पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि सरकारों की इस दोहरी नीति से सिखों में अविश्वास का माहौल पैदा हो रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर हत्या और बलात्कार जैसे अपराधों के आरोपी सौदा साध गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल दी जा सकती है तो फिर सिख बंदियों की रिहाई के लिए सिख समुदाय द्वारा उठाई जा रही आवाज को सरकार क्यों नहीं सुन रही है।
शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि सरकारें अपने राजनीतिक हितों के लिए गुरमीत राम रहीम के जघन्य अपराधों पर आंखें मूंद रही हैं और उसे बार-बार जाने दे रही हैं।
सरकारों की ऐसी नीति सिखों को अलग-थलग महसूस कराने वाली है, जो देश के लिए अच्छा नहीं है। वकील धामी ने कहा कि गुरमीत राम रहीम की पैरोल तुरंत रद्द की जानी चाहिए और उन्हें जेल में बंद किया जाना चाहिए।