राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कांडा के मॉडल केंद्रीय कारागार में कारा एवं सुधार सेवा विभाग द्वारा शुरू की गई सात नई योजनाओं का शुभारम्भ किया।
शुरू की गई योजनाओं में ध्यान कार्यक्रम, टेलीमेडिसिन परियोजना, वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम, अपशिष्ट प्रबंधन, मुफ्त ऑनलाइन कोचिंग और ऑडियो लाइब्रेरी शामिल हैं। इस अवसर पर एक कविता संग्रह ‘परवाज़’ का विमोचन भी किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि जेल के बंदियों का हुनर देखना उनके लिए भावुक कर देने वाला क्षण था। उन्होंने कारागार एवं सुधारात्मक सेवाओं के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल के प्रयासों की सराहना की।
अरलेकर ने कहा, “यहां आने का जो भी कारण हो, कैदी यहां सीखने, प्रयोग करने, प्रशिक्षित होने और सकारात्मक विचारों के साथ आगे बढ़ने के लिए हैं।” उन्होंने कहा कि यह एक सुधार गृह है, इसलिए कैदियों के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिससे न केवल उन्हें बल्कि समाज को भी लाभ होगा।
इससे पूर्व राज्यपाल ने भावातीत ध्यान कार्यक्रम एवं प्रशिक्षण का शुभारंभ किया, जिसे भावातीत ध्यान संस्थान द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने ई-संजीवनी के माध्यम से जेलों में टेलीमेडिसिन कार्यक्रम भी शुरू किया, जिसके तहत विशेषज्ञ डॉक्टर कैदियों को ऑनलाइन परामर्श देंगे।