हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव आरडी धीमान ने कांगड़ा में सड़कों के किनारे जमीन रखने वाले लोगों द्वारा पहाड़ियों की अवैध और अवैज्ञानिक कटाई और समतलीकरण पर राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग और विभिन्न राज्य सरकार के कार्यालयों से रिपोर्ट मांगी है। यह कार्रवाई कई निवासियों द्वारा शिकायतों का पालन करती है, जिन्होंने राष्ट्रीय राजमार्गों के पर बड़े पैमाने पर भूस्खलन के लिए अवैध कटाई को दोषी ठहराया है, खासकर बारिश के मौसम के दौरान।
भूस्खलन से धर्मशाला और उसके आसपास के क्षेत्रों में निजी और सार्वजनिक संपत्तियों को व्यापक नुकसान हुआ है। शिकायतकर्ताओं में से एक गोपाल पुरी ने मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को लिखे पत्र में आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि पहाड़ियों की अवैध कटाई न केवल राष्ट्रीय राजमार्गों को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि यात्रियों के लिए भी खतरा है।
नियमों के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग से 24 मीटर (करीब 80 फीट) के दायरे में कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है और 25 फीट तक की किसी भी पहाड़ी को समतल करने के लिए वन एवं लोक निर्माण विभागों से विशेष अनुमति लेनी पड़ती है।
कांगड़ा के उपायुक्त निपुण जिंदल ने कहा कि वह उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग और लोक निर्माण विभागों को पत्र लिखेंगे।