गुरदासपुर जिले में मंगलवार को दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान किसानों और पंजाब पुलिस के बीच भीषण झड़प हो गई। इस संघर्ष में सात किसान घायल हो गए और किसानों का आरोप है कि प्रशासन ने बिना पूर्व सूचना के उनकी जमीन पर बल प्रयोग किया और उन्हें अनुचित मुआवजा दिया।
गुरदासपुर में दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा था, जिस दौरान किसानों ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि प्रशासन ने उन्हें पहले से जानकारी नहीं दी और जो मुआवजा दिया गया, वह अपर्याप्त था। किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन ने अपनी कार्रवाई के दौरान बल का इस्तेमाल किया। वहीं किसानों ने विरोध में प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और किसान खेतों में आमने-सामने खड़े हैं। प्रशासन की बड़ी मशीन खेत में नजर आती है, जबकि पुलिस का भारी बल किसानों को खदेड़ता हुआ दिखाई देता है। इस दौरान पुलिस ने बल प्रयोग किया, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।
किसान खेतों में बैठकर प्रशासन के खिलाफ विरोध कर रहे थे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें उठाकर बाहर कर दिया। इसके बाद, सड़क पर भी पुलिस और किसानों के बीच हाथापाई हुई, जिसके कारण ट्रैफिक जाम लग गया। इस पूरी स्थिति को शांत करने के लिए बाद में पुलिस और किसानों के बीच बातचीत हुई। बता दें कि इस झड़प में सात किसान घायल हो गए। किसानों ने हाथों में झंडा लेकर सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। इस दौरान किसानों ने प्रशासन की गाड़ी को भी रोक दिया और इसके बाद फिर से पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई।
सभी घटनाओं के बाद पुलिस और किसानों के बीच बातचीत के बाद स्थिति में कुछ शांतिपूर्ण वातावरण लौटा, लेकिन किसानों का विरोध अभी भी जारी रहा। किसानों ने साफ कर दिया कि जब तक उन्हें उचित मुआवजा और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में न्याय नहीं मिलेगा, उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। गुरदासपुर में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसान और पुलिस के बीच हुई झड़प ने इस मुद्दे को और गरमा दिया है। किसानों का कहना है कि प्रशासन ने उनकी जमीन पर कब्जा करने से पहले उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया और मुआवजे का भुगतान भी अनुचित था। यह घटना दर्शाती है कि जब तक किसानों को उनका हक नहीं मिलता, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।