हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कर्मचारी केंद्रित नीतियां बनाने और रोजगार के अवसर पैदा करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए विधानसभा को बताया कि सरकार कर्मचारियों की वास्तविक शिकायतों और मांगों पर विचार करने के लिए हमेशा तैयार रहेगी।
साथ ही राज्यपाल ने उन्हें चेताया कि कार्यकुशलता और अनुशासन से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। राज्य की शीतकालीन राजधानी माने जाने वाले धर्मशाला में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन को संबोधित करते हुए अर्लेकर ने हिंदी में अपने लगभग 12 मिनट के संबोधन में कहा कि सरकार “युवा शक्ति (युवा सशक्तिकरण) को विकास का आधार मानती है… इसलिए सरकार का प्रयास रहेगा कि हिमाचली युवा न केवल रोजगार प्राप्त कर सकें बल्कि रोजगार सृजित भी कर सकें। मेरी सरकार ने रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है। एक तरफ विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को युद्धस्तर पर भरा जाएगा और दूसरी तरफ हर क्षेत्र में रोजगार सृजन पर जोर दिया जाएगा।”
राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा,”सरकार महिलाओं को विकास में समान अवसर प्राप्त करने में मदद करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
पहाड़ी राज्य में लगभग 1.20 लाख सेवारत रक्षाकर्मी और लगभग इतनी ही संख्या में पूर्व सैनिक ऊना, कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर और मंडी जिलों में बसे हुए हैं। देश की रक्षा के लिए हिमाचल और थलसेना व अर्द्धसैनिक बलों में सेवारत हिमाचल के युवाओं व पूर्व सैनिकों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।
अर्लेकर ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से बागवानी और कृषि पर निर्भर है, ऐसे में सरकार नीतियां बनाएगी जो लाखों छोटे और सीमांत किसानों के हितों की रक्षा करेगी।