मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पारदर्शिता पर पूरा जोर देते हुए आम लोगों को हर सुविधा मुहैया कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
इसके तहत खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा प्रदेश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पारदर्शिता के नियमों का पूरी तरह पालन करते हुए गेहूं वितरण का कार्य किया जा रहा है। इलेक्ट्रानिक पाइंट आफ सेल मशीन का प्रयोग किया जा रहा है, जिसके तहत लाभुकों के अंगूठे का निशान लेकर रसीद में बांटी गई मात्रा दर्ज कर ही गेहूं का वितरण किया जाता है। इसके अलावा, जिला कार्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रत्येक राशन डिपो पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत मिलने वाले लाभों को स्पष्ट करें।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री लाल चंद कटारुचक ने कहा कि केंद्र सरकार केवल 1.41 करोड़ लाभार्थियों का गेहूं पंजाब भेज रही है जबकि राज्य में इस समय 1.57 करोड़ लाभार्थी हैं। अतिरिक्त 16 करोड़ लाभार्थियों में से अपात्र लाभार्थियों को हटाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत एक सत्यापन अभियान भी शुरू किया गया है।
इसके अलावा, प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत वितरित गेहूं एफसीआई द्वारा केंद्रीय पूल स्टॉक से राज्य सरकार को प्रदान किया जाता है। इस केन्द्रीय पूल के गेहूँ को बारदाने में पैक किया जाता है और डिपो धारकों द्वारा खुले रूप में बोरियों को खोलकर वितरित किया जाता है।
साथ ही, विभाग ने किसी भी कदाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता का दृष्टिकोण अपनाया है और यदि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के स्टॉक के वितरण के दौरान कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो शिकायत की बारीकी से जांच की जाती है और दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों और डिपो धारकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है।