रेलवे बोर्ड ने ट्रेनों में अनधिकृत बोतलबंद पेयजल की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए एक महीने तक गहन निरीक्षण अभियान चलाया है। इस पहल के तहत वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक (डीसीएम) परमदीप सिंह सैनी ने ट्रेन संख्या 12497 (शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस) का औचक निरीक्षण किया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या केवल “रेल नीर” पानी ही बेचा जा रहा है। निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ डीसीएम ने आरक्षित और अनारक्षित दोनों डिब्बों की जांच की और पाया कि कई यात्रियों ने ट्रेन के रवाना होने के बाद विक्रेताओं से बिना अनुमति के पानी की बोतलें खरीदी थीं। यात्रियों से बातचीत करने पर 7-8 यात्रियों ने पुष्टि की कि पेंट्री कार विक्रेताओं ने उन्हें बिना अनुमति के बोतलबंद पानी बेचा है।
इसके बाद आईआरसीटीसी को आईआरसीटीसी नियमों के तहत पेंट्री कार लाइसेंसधारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए सूचित किया गया। वरिष्ठ डीसीएम के साथ वाणिज्यिक निरीक्षक (अमृतसर) बलविंदर सिंह, जीआरपी कर्मी और पांच टिकट जांच कर्मचारी थे। ट्रेन में अवैध रूप से सामान बेचते तीन अनधिकृत विक्रेताओं को पकड़ा गया। उन्हें रेलवे अधिनियम की धारा 144 के तहत आरपीएफ को सौंप दिया गया, जिसके तहत ट्रेनों में अनधिकृत रूप से सामान बेचने पर 2,000 रुपये का जुर्माना या एक साल तक की कैद या दोनों का प्रावधान है। यात्रियों से अपील की गई कि वे अनधिकृत विक्रेताओं से कुछ भी न खरीदें।
इसके अलावा, आरक्षित और अनारक्षित दोनों कोचों में विशेष टिकट-जांच अभियान चलाया गया। कुल 88 यात्री बिना वैध टिकट या अनियमित टिकट के साथ यात्रा करते पकड़े गए, जिसके कारण 55,000 रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया।