स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए जिले के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों और स्वास्थ्य सुविधाओं में की जा रही व्यवस्थाओं की समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्री ने स्थानीय बीआर अंबेडकर मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश देते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए ठोस प्रयास करने को कहा।
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करना मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसके लिए मुख्यमंत्री के साथ-साथ सभी मंत्री और विधायक तथा आम आदमी पार्टी के नेता और स्वयंसेवक प्रभावित लोगों की मदद के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।
इस अवसर पर डॉ. बलबीर सिंह ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), जिले के निजी अस्पतालों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और वरिष्ठ नागरिक संघों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर इस कठिन समय में उनका सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि वैसे तो पंजाब सरकार और स्वास्थ्य विभाग बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है, लेकिन फिर भी इस कठिन परिस्थिति में सभी के सहयोग की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा संघ, निजी अस्पताल और गैर सरकारी संगठन मरीजों की सामान्य जांच, उपचार, एम्बुलेंस सेवा प्रदान करने, चिकित्सा शिविर आयोजित करने, दवाएं और राशन वितरित करने आदि में मदद करके योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि आईएमए और विभिन्न गैर सरकारी संगठन पहले से ही विभिन्न कार्यों में योगदान दे रहे हैं। तौर तरीकों।
मौके पर मौजूद आईएमए, निजी अस्पतालों और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य मंत्री को बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हर संभव सहायता, समर्थन और सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सभी के संयुक्त प्रयास से स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में आ गयी है क्योंकि पानी धीरे-धीरे कम होने लगा है।
उन्होंने कहा कि वहां राज्य के सरकारी अस्पताल बाढ़ पीड़ितों के इलाज के लिए पूरी तरह तैयार हैं और उनका इलाज पूरी तरह से नि:शुल्क किया जा रहा है. उन्होंने देश-विदेश में बैठे पंजाबियों से मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान देकर बाढ़ पीड़ितों की मदद करने की अपील की।
स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की कि उन्होंने एक महीने का वेतन भी मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि यह पहली बार है कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पूरी सरकार दुख की इस घड़ी में पीड़ितों की मदद के लिए मैदान में है।
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद जोखिम भरे इलाकों में बीमारियाँ फैलने का डर है, जिसके कारण परीक्षण के लिए पानी के अधिक नमूने लिए जा रहे हैं और लोगों को वेक्टर जनित बीमारियों से बचाने के लिए घरों में कंटेनर सर्वेक्षण किया जा रहा है। जिसमें डेंगू, मलेरिया आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक महामारी फैलने का कोई खतरा नहीं है।
उन्होंने लोगों से पानी उबालकर (ठंडा करके) पीने की भी अपील की और अगर किसी को कोई लक्षण दिखे तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाएं। उन्होंने कहा कि पंजाब स्वास्थ्य विभाग लोगों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
लोग किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सहायता के लिए मेडिकल हेल्पलाइन नंबर 104 पर कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा हर जिले में बाढ़ नियंत्रण संपर्क नंबर पहले ही जारी कर दिए गए हैं।