परिश्रम से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है फिर चाहे कठिनाइयां कितनी भी क्यों ना हो। इसी बात की मिसाल है दिल्ली की बेटी दीपक उन्होंने यह साबित कर दिया है कि अगर मन में दृढ़ विश्वास हो और लक्ष्य अडिग हो तो कोई भी मुसीबत आपको उसे हासिल करने से नहीं रोक सकती। जब उन्हें पता चला कि दिल्ली सरकार महिलाओं को बस चलाने की ट्रेनिंग दे रही है तो उन्होंने इस अवसर को हाथ से जाने नहीं दिया और पूरी लगन के साथ ट्रेनिंग पूरी की।
उनके लिए सबसे बड़ी बात थी कि इस ट्रेनिंग के बाद में सरकारी नौकरी मिलेगी इसलिए उन्होंने आवेदन कर दिया जिसके लिए सबसे पहले उनका मेडिकल टेस्ट करवाया गया और उसको सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद वह अगले चरण में ट्रेनिंग के लिए एलिजिबल हो गई।
आज उनका वीडियो शेयर करते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा, “हमारे देश की बेटियाँ, हमारी बहनें किसी से कम नहीं हैं। दिल्ली की महिला बस ड्राइवर दीपक के प्रेरणादायी हौंसलों को देखिए।”
हमारे देश की बेटियाँ, हमारी बहनें किसी से कम नहीं हैं। दिल्ली की महिला बस ड्राइवर दीपक के प्रेरणादायी हौंसलों को देखिए। https://t.co/yeDqUNwVy0
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 6, 2022
ट्रेनिंग को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद 23 अगस्त को दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा 11 महिलाओं को नियुक्ति पत्र सौंपा गया और उनमें से एक थी दीपक जो आज दिल्ली परिवहन निगम, दिल्ली सरकार में एक बस ड्राइवर है।
उन्हें द्वारका सेक्टर 2 डिपो मिला है और अभी वह वहीँ कार्यत है। 2 महीने की कड़ी मेहनत के बाद जब ट्रेनिंग उनकी पूरी हुई तो उन्हें जोइनिंग लेटर मिल गया और आज वह सरकारी ड्राइवर हैं और लोगों को उनके मंजिल तक पहुंचाने का काम बखूबी निभा रही है।
इसका श्रेय वह सीएम श्री अरविंद केजरीवाल जी की दिल्ली सरकार को देती है जो महिलाओं के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है और उसी के तहत महिला बस ट्रेनिंग प्रोग्राम का यह मॉडल है जिसके तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए ड्राइवर बनने की ट्रेनिंग दी जा रही है
ट्रेनिंग में प्रैक्टिकल-थ्योरी दोनों तरीके से उन्हें सिखाया जा रहा था, इसके अलावा जो ट्रेनर बहुत कोऑपरेटिव थे।
दीपक ने बताया कि ट्रेनिंग में बेसिक्स को समझने में उन्हें काफी आसानी हुई और वह अपनी ट्रेनिंग को बहुत ही सरलतापूर्वक पूरा कर पाई। उन्हें फ्री ट्रेनिंग दी गई और इस दौरान उन्हें ₹12,000 बतौर स्टिपेन्ड भी दिया गया। इसके साथ ही उन्हें सुबह का ब्रेकफास्ट और लंच भी दिया जाता था।
दीपक ख़ुशी से बताती हैं कि लोग उनके पिता से कहते हैं कि आपकी बेटी बहुत अच्छा काम कर रही है और जनता की सेवा में तत्पर है।
दीपक ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार महिलाओं के सरोकार के लिए बहुत सारे काम कर रही है जो कि सराहनीय है और उनकी इस सफलता की कहानी से साफ़ है कि आज दिल्ली की बेटियां फक्र से तमाम स्किल्स को प्राप्त करके स्वाभिमानी और आत्मनिर्भर बन रही है।