पंजाब परिवहन विभाग की रीढ़ पंजाब रोडवेज की पुरानी शान को बहाल करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने पनबस की कर्जमुक्त बसों का पंजाब रोडवेज में विलय करने का फैसला किया है। पनबस की करीब 587 बसों को मर्ज करने के बाद पंजाब रोडवेज के पास 790 बसों का बेड़ा हो जाएगा।
वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा, रोजगार सृजन मंत्री अमन अरोड़ा, परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह की कैबिनेट सब कमेटी ने गुरुवार को परिवहन विभाग को कर्ज विलय की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा।
पंजाब रोडवेज/पनबस स्टेट ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ यहां पंजाब भवन में मीटिंग के दौरान सब कमेटी ने विभागीय अधिकारियों को सरकारी बसों की नियमित जांच करने और यह यकीनी बनाने के निर्देश दिए कि बिना टिकट पाए गए यात्रियों से दस गुना किराया वसूला जाए और नियमानुसार दण्डित किया जाए।
उन्होंने विभाग से यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सभी सरकारी बसें अपने निर्धारित बस स्टॉप पर रुकें ताकि यात्रियों, विशेषकर महिलाओं को किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े।
पंजाब रोडवेज़/पनबस स्टेट ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन के प्रतिनिधियों को हमदर्दी जताते हुए कैबिनेट मंत्रियों ने भरोसा दिलाया कि उनकी जायज़ माँगों पर विचार किया जा रहा है और इस सम्बन्ध में जल्द ही फ़ैसला लिया जाएगा। यात्रा सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए पंजाब सरकार की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।